ऐ काश.. फिर होते वो,
मोहब्बत के सीतम
रूठे जो लगा जाते थे
वो,
जज्बात–ए-मरहम
मुलाकातों में छुपाते
थे जो,
दिल का हर गम
तन्हाई थोड़ी पायी तो,
अब आँख है नम..!!.1..!!
हर जनम साथ तू रहे,
ये तो पहला है जनम
साँस छुटे मगर ये साथ
ना,
खायी थी कसम
वो तेरे प्यारे कदम
तन्हाई थोड़ी पायी तो,
अब आँख है नम..!!.2..!!
दिन दूर, अब एक पल
ना कटे,
ओ जानम
साथ २ पल का नहीं,
साथ तू रहे हरदम
मुझे सीने से लगा ले,
कर दे मुझपे करम
तन्हाई थोड़ी पायी तो,
अब आँख है नम..!!.3..!!
जरा देर से जाना,
मगर जाना ये सनम
थोड़ा था भरम
मेरे दर्द का मरहम
नहीं,
मौला-ए-रहम
तन्हाई थोड़ी पायी तो,
अब आँख है नम..!!.4..!
भास्कर
सुमन
Bahut khub 👍👍👍
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thanku bhai
Deleteबहुत खुब 👌😊
ReplyDeletethanku sweta ji
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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