Sunday, 21 May 2017

वो अधूरी बात




अक्सर भ्रम के पाँव तले,
कुचले जाते दिल के जज्बात,
वो आधी रात, अधूरी बात,
सोने देगी पूरी रात.
क्यों बिगड़े इतने हालात,
जहन में वो पहली मुलाकात,
पकड़ कभी हाथों में हाथ,
कही जो तुमसे दिल की बात,
चाहे छूटे दुनिया सारी,
कभी छूटे तेरा साथ,
होठ अधूरे छोड़ गए जो,
कल नैन करेंगे पूरी बात,






माना तू तो नींद में खोयी,
ढूंढ रहा यंहा तुझको कोई
आखें फुट-फुट कर रोई,  

मै जागा मेरी क़िसमत सोई,






                              भास्कर सुमन





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