अक्सर भ्रम के पाँव तले,
कुचले जाते दिल के जज्बात,
वो आधी रात, अधूरी बात,
सोने न देगी पूरी रात.
क्यों बिगड़े इतने हालात,
जहन में वो पहली मुलाकात,
पकड़ कभी हाथों में हाथ,
कही जो तुमसे दिल की बात,
चाहे छूटे दुनिया सारी,
कभी न छूटे तेरा साथ,
होठ अधूरे छोड़ गए जो,
कल नैन करेंगे पूरी बात,
माना तू तो नींद में खोयी,
ढूंढ रहा यंहा तुझको कोई,
आखें फुट-फुट कर रोई,
मै जागा मेरी क़िसमत सोई,
भास्कर सुमन