Friday 17 February 2017

तन्हाई थोड़ी पायी..







ऐ काश.. फिर होते वो,

 मोहब्बत के सीतम

रूठे जो लगा जाते थे वो,

जज्बात–ए-मरहम

मुलाकातों में छुपाते थे जो,

 दिल का हर गम

तन्हाई थोड़ी पायी तो,




अब आँख है नम..!!.1..!!






हर जनम साथ तू रहे,

ये तो पहला है जनम

साँस छुटे मगर ये साथ ना,

 खायी थी कसम

दिल की दहलीज ना भूलेंगी,

 वो तेरे प्यारे कदम

तन्हाई थोड़ी पायी तो,




अब आँख है नम..!!.2..!!








दिन दूर, अब एक पल ना कटे,

 ओ जानम      
                                            
साथ २ पल का नहीं,

 साथ तू रहे हरदम

मुझे सीने से लगा ले, 

कर दे मुझपे  करम

तन्हाई थोड़ी पायी तो, 




अब आँख है नम..!!.3..!!






                                  
जरा देर से जाना,

मगर जाना ये सनम

जी लूंगा जुदा हो के भी,

 थोड़ा था भरम

मेरे दर्द का मरहम नहीं,

 मौला-ए-रहम


तन्हाई थोड़ी पायी तो,




अब आँख है नम..!!.4..!





                                  भास्कर सुमन