ख़ुशी में,
पास आयेंगे
ढूंढेंगे,
बेबात मुस्कराएंगे
हवा बनायेंगे,
तुम्हारे हो जायेंगे
पर सच कहा,
दूर जाएंगे
अफवाहें उड़ाएंगे,
पागल बनायेंगे
रूठ जाएंगे,
कारण नहीं बताएंगे
वक्त आयेगा,
जब मुंह फुलाएंगे
दोस्ती तोड़,
दुश्मनी निभायेंगे
तुमसे जरूरी,
फिर दूसरे हो जाएंगे
तुम गीता पढोगे,
ये कुरान उठाएंगे
सामने आयेंगे,
नजर नहीं मिलाएंगे
बुरे वक़्त में ,
मुंह घुमा के जाएंगे
शराब
सूंघने वाले,
पीते नहीं चाय
भूलना मत
राम दुबारा आए,
क्या लोग उनके हो पाए
साथ देगी,
तुम्हारी जोड़ी पाई
रिश्ते कुआं ,
दोस्ती गहरी खाई
यही है आज,
समाज की सच्चाई
भास्कर सुमन
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