बातें वो करे जैसे, गीत कोई सुरीली सी
जरा सा छेड़ो बस , होती लाल पीली सी
गुस्सा खूब खाती, है जरा भड़कीली सी
थोड़ी शरारती मगर बिलकुल शर्मीली सी
बारिश में गीली कभी देखो तो नशीली सी
सौ सुइयों जैसी, चुभे दिल में कटीली सी
रेत पे पड़ती मानो, धुप वो चमकीली सी
एक लड़की है, ..जिसकी आँखें है नीली सी..!!
भास्कर सुमन